Not known Details About hindi kahaniyan
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को प्रगतिशील कहानियों का नाम दिया, इन कहानिकारों में यशपाल, उपेन्द्रनाथ अश्क, रामप्रसाद
वर्तमान सामाजिक एवं शासन व्यवस्था में व्यक्ति- जीवन के संकट को बड़े मार्मिक ढंग
शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क
पराधीनता और आर्थिक शोषण में विरूद्ध आवाज उठाने वाली कहानियाँ हैं।
अल्ला खाँ एक ऐसे गद्यकार थे जिन्होंने “रानी केतकी कहानी" जैस कहानी का सृजन किया लेकिन
कहानीकारों की कहानियों में मनोवैज्ञानिक सत्य और चरित्र की वैयक्तिक विशिष्टता
गुसाईं का मन चिलम में भी नहीं लगा। मिहल की छाँह से उठकर वह फिर एक बार घट (पनचक्की) के अंदर आया। अभी खप्पर में एक-चौथाई से भी अधिक गेहूँ शेष था। खप्पर में हाथ डालकर उसने व्यर्थ ही उलटा-पलटा और चक्की के पाटों के वृत्त में फैले हुए आटे को झाड़कर एक ढेर शेखर जोशी
भगवान परशुराम की जीवनी इतिहास और उनसे जुडी कथाये
ब्राह्मणी और नेवला : पंचतंत्र की कहानी
की ‘गिरस्तिन', हिमांशु जोशी की 'एक बूंद पानी' अभाव, हृदयेश की सभाएँ' ‘डेकोरेशन पीस’” कहानियाँ काफी
चीनी के खिलौने, पैसे में दो; खेल लो, खिला लो, टूट जाए तो खा लो—पैसे में दो। सुरीली आवाज में यह कहता हुआ खिलौनेवाला एक छोटी-सी घंटी बजा रहा था। उसको आवाज सुनते ही त्रिवेणी बोल, उठी—माँ, पैसा दो, खिलौना लूँगी। आज पैसा नहीं है, बेटी। एक पैसा माँ, हाथ विनोदशंकर व्यास
गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनन्द की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री
लड़कपन में वणिक्-पुत्र सुना करता कि सात समुद्र, नव द्वीप के पार एक स्फटिकमय भूमि है। वहाँ एक तपस्वी क्या जाने कब से अविराम तप कर रहा है और उसकी पवित्रता के कारण सूर्यनारायण निरंतर उसकी परिक्रमा किया करते हैं और उसके तेज़ से वहाँ कभी अंधकार नहीं होता। उस राय कृष्णदास
पूर्व भी भारत वर्ष में कहानी का अस्तित्व था, लेकिन अंग्रेजों के भारत आगमन के पश्चात् हिन्दी कहानी जिस रूप